Shikha Arora

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लेखनी प्रतियोगिता -20-May-2022 - पसंदीदा किताब

पसंदीदा किताब मेरी तेरा चेहरा,
दिल मेरा तुम पर ही आकर ठहरा।
नजरों में रुह की शायरी झलकती,
मधुशाला में जाम बन कर छलकती।
पढ़ने का था शौकिन मैं भी कभी,
बदल क्यों गया हूं मैं पूछते ये सभी।
किताबों के लिए नहीं आत्मा तड़पती,
शब्दों की स्याही भी है आज झगड़ती।
पुस्तकों का मेला चारों तरफ था रहता,
तेरे ही ख्यालों में आज सबकुछ सहता।
बिजली बनकर राहों में तुम ही गरजती,
तेरे ही आगोश में अब मेरी रात गुजरती।।

देनिक प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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10 Comments

Seema Priyadarshini sahay

21-May-2022 04:18 PM

👌👌

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Neelam josi

21-May-2022 03:23 PM

Very nice 👌

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Shrishti pandey

21-May-2022 10:24 AM

Very nice

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